नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को इस आरोप का खंडन किया कि वह पार्टी और सरकार से संबंधित मुद्दों बोल नहीं रहे थे। यहां एक संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ”जब कभी भी जरूरत पड़ी, मैं पार्टी के मंच पर बोलता हूं। मैं भविष्य में भी बोलता रहूंगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक कमजोर प्रधानमंत्री नहीं हैं। मनमोहन सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा, ”मैं नहीं मानता कि मैं एक कमजोर प्रधानमंत्री हूं। इस पर फैसला करने का काम इतिहासकारों का है।” मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अक्सर मनमोहन सिंह को सबसे कमजोर प्रधानमंत्री कहती आई है।
वहीं, मनमोहन सिंह ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर भी वर्ष 2002 में अहमदाबाद में हुए निर्दोष लोगों के नरसंहार के लिए निशाना साधा। मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। गुजरात में दंगे उस समय हुए जब राज्य की बागडोर उनके हाथों में थी।
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