कोलकाता,एजेंसी-31 जनवरी | दिल्ली में ‘परिवर्तन’ का आह्वान करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी दूसरे राज्यों के लोगों तक अपनी पहुंच का विस्तार करेगी। ममता ने कहा कि आम चुनाव में वे प्रचार के लिए दूसरे राज्यों का भी दौरा करेगी।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा, कांग्रेस और वाम मोर्चा तीनों का एकमात्र विकल्प है और देश वंशवादी उत्तराधिकारी या सांप्रदायिकता को पसंद नहीं करता।
राज्य में दुष्कर्म की घटनाओं की बाढ़ को लेकर विरोधियों के निशाने पर रहने वाली ममता को गुरुवार को मशहूर लेखिका महाश्वेता देवी का समर्थन हासिल हुआ। महाश्वेता ने उन्हें ‘प्रधानमंत्री पद का एकमात्र आदर्श प्रत्याशी करार दिया।’
लोकसभा चुनाव का शंखनाद करने लिए ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, “हमारी लड़ाई कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम मोर्चा से है। हमारी लड़ाई भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के खिलाफ है। आज की रैली साबित करती है कि लोकतंत्र लोगों के लिए है, न कि वंश के लिए।”
उन्होंने कहा कि भारत न तो राजनीति में वंशानुगत उत्तराधिकारी चाहता है न ही सांप्रदायिकता। उन्होंने कहा कि उनकी तृणमूल कांग्रेस दिल्ली में भाजपा, कांग्रेस या वाम मोर्चा का विकल्प है।
ममता ने कहा, “हमें दिल्ली में परिवर्तन की जरूरत है और हम इसका आह्वान बंगाल से कर रहे हैं। बंगाल आज जो सोच रहा है कल पूरा भारत सोचेगा। बंगाल रास्ता दिखाएगा।”
क्षेत्रीय दलों को एकजुट कर संघीय मोर्चा गठित करने का विचार पेश करने वाली ममता ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में इस तरह की ताकत खड़ी करने के लिए काम करेगी।
उन्होंने कहा, “राज्यों की आवाज को ताकत देने के लिए संघीय मोर्चा की सख्त जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “राज्यों के हित और उनके विकास के लिए दिल्ली में एक प्रगतिशील सरकार का होना अत्यंत अनिवार्य है।”
उन्होंने कहा, “हमारा नारा है ‘भ्रष्टाचार मिटाओ, भारत बचाओ।”
कांग्रेस और भाजपा की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए ममता ने कहा, “हम ऐसी सरकार नहीं चाहते जो दंगों में लिप्त हो। हम शांति-प्रेमी और रचनात्मक सरकार चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “भारत सभी के लिए है। हम सुशासन चाहते हैं, हम कानून का राज और एकजुट भारत चाहते हैं। हम लोकोन्मुखी सरकार चाहते हैं। इसके लिए हमें शक्तिशाली राज्यों को शामिल करते हुए एक संघीय मोर्चा की जरूरत है।”
तृणमूल नेता ने कहा कि वे लोकसभा चुनाव में राज्य के बाहर प्रचार करने जाएंगी और पार्टी के सदस्यों से अन्य राज्यों के लोगों तक संपर्क बढ़ाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “हम दिल्ली में मजबूत होना चाहते हैं। लोकसभा की जितनी ज्यादा सीटें हम जीतेंगे हमारा महत्व उतना ही बढ़ेगा। अब हम बंगाल के बाहर भी लड़ेंगे।”
ममता ने कहा, “दूसरे राज्यों के लोगों तक पहुंचना और सहयोग करना हमारे लिए जरूरी हो गया है। यदि जरूरत पड़ी तो हम नेपथ्य में रहेंगे और उन्हें केंद्रीय मंच पर आने का मौका देंगे।”
ममता ने यह भी कहा कि हम विदेशों में जमा कालाधन देश में वापस लाना चाहते हैं।
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