शिवम यादव/ खबर इंडिया नेटवर्क-लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अभी भी कुछ जगह ऐसी है जो विकास से पूरी तरह वंचित है। सीतापुर रोड स्थित सिद्धार्थ नगर एक ऐसा ही उदाहरण है।
यहाँ की आबादी 10 हजार है और यहाँ के लोग इन नेताओं से इस कदर नाराज़ हैं कि उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में वोट ना डालने का निर्णय किया है। क्षेत्र वासियों से इस बारे में बात की गयी तो पता चला कि यहा पिछले कई सालों से काम के नाम पर सिर्फ सड़क और गलियां खोदकर डाल दी गई हैं। जो सडक बनी भी थी उसको भी सीवर लाइन की वजह से खोद दिया गया है। स्थानीय लोगो का कहना है कि वो इसबार किसा भी प्रत्याशी को वोट ना देकर नोटा विकल्प का इस्तेमाल करेगें।
गजानन पूजा समिति के अध्यक्ष सतीश कश्यप से इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होने कहा कि हम आगामी चुनाव का बहिष्कार नही कर रहे हम सिर्फ प्रत्याशी का बहिष्कार कर रहें है। अगर लोगों की माने तो यहा की पार्षद बबिता दीक्षित ने भी कोई काम नही करवाया है। गलिंयो और नालियो की हालत जस की तस है।
वर्तमान विधायक अभिषेक मिश्रा ने भी पूर्व विधायक नकुल दूबे के पद चिन्हो पर चलने का काम किया है।
शायद यही वजह है कि क्षेत्र की जनता ने इन नेताओं के वादों से ऊब कर किसी को भी वोट न देने का फैसला किया है और साथ ही साथ मोहल्ले के हर कोने में पोस्टर और बैनर लगाया गया है। इन पर यह साफ-साफ लिखा है कि “कृप्या यहाँ वोट मांगकर अपना कीमती समय नष्ट ना करें,” “यहा से आपको एक भी वोट नही मिलेगा, काम नहीं तो वोट नहीं”।
देखना है कि असंतुष्ट लोगों के विरोध करने का यह अनोखा तरीका क्या रंग लाता है।
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