नई दिल्ली,एजेंसी-26 मार्च। मुजफ्फरनगर दंगों पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उत्तर प्रदेश सरकार पर दंगों को रोकने में नाकाम रहने की बात कहते हुए कोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ और एसआइटी जांच कराने से भी मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने समय से जरूरी कदम नहीं उठाए। यही नहीं, खुफिया तंत्र ने भी सूचना नहीं दी थी। कोर्ट ने कहा कि मुजफ्फरनगर में हालात बिगड़ने के लिए प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है।
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुए दंगे में 65 लोग मारे गए थे। जिसपर प्रदेश सरकार ने मृतक आश्रितों को दस लाख रुपये, केंद्र सरकार ने दो लाख रुपये का एलान किया था। बाद में प्रदेश सरकार ने मृतक आश्रितों को दी जाने वाली सहायता राशि में तीन लाख रुपये का इजाफा करने की घोषणा की थी। दंगों पर उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये पर पीड़ितों की वकील कामिनी जायसवाल ने दलील दी थी कि यूपी पुलिस मामले की सही तरीके से जांच नहीं कर रही है, लिहाजा सीबीआइ को पूरे मामले की जांच का आदेश दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोपियों के बच निकलने की संभावना जताई थी।
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