लखनऊ /अयोध्या,एजेंसी-31 मार्च। लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद अंतर्कलह से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) फैजाबाद संसदीय सीट पर हारे हुए खिलाड़ी के सहारे जीत की आस लगाए बैठी है। भाजपा ने यहां से प्रदेश में पूर्व मंत्री रहे और विधानसभा चुनाव में हारे लल्लू सिंह को मैदान में उतारा है। लल्लू सिंह दो बार से इस सीट से लोकसभा चुनाव हार रहे हैं, बावजूद इसके भाजपा ने उन पर भरोसा जताया है।
लल्लू सिंह हालांकि अयोध्या में पिछले कुछ समय में एक दमदार नेता के रूप में उभरे हैं, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पवन पांडेय जैसे युवा नेता ने उन्हें करारी शिकस्त दे दी। इसके बाद से ही उनकी छवि काफी धूमिल हुई थी।
ऐसी अटकलें हैं कि रूदौली से भाजपा विधायक रामचंद्र यादव भी फैजाबाद संसदीय सीट से टिकट के दावेदारों में शामिल थे। उन्हें टिकट न मिलने के बाद अब स्थानीय स्तर पर अंतर्कलह की संभावना बढ़ गई हैं। इन सबसे लल्लू सिंह कैसे निपटेंगे, यह भी देखना होगा।
इधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री के सामने इस बार अपना गढ़ बचाने की चुनौती है। उन्हें इस बार विपक्षियों से ज्यादा अपनों से ही जूझना पड़ रहा है। यही कारण है कि उनको सबसे ज्यादा समय अपने संसदीय क्षेत्र फैजाबाद में रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने में लगाना पड़ रहा है।
2009 के लोकसभा चुनाव में वह सपा के मित्रसेन यादव को पराजित कर दूसरी बार संसद पहुंचने में कामयाब हुए थे। पिछली बार उनके मिलनसार व्यक्तित्व और कांग्रेस की लहर का फायदा पार्टी को मिला और वह फैजाबाद से कांग्रेस का झंडा बुलंद करने में सफल हुए।
पिछली बार कुछ सामाजिक समीकरण भी ऐसा बना कि 2004 के चुनाव में चौथे स्थान पर रहने वाले निर्मल खत्री 2009 के लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब हो गए।
वर्तमान परिदृश्य में अगर फैजाबाद संसदीय सीट पर नजर डालें तो फैजाबाद की पांच विधानसभा सीटों में चार पर सपा का कब्जा है और केवल रूदौली विधानसभा सीट पर ही भाजपा काबिज है।
इस लोकसभा क्षेत्र में दरियाबाद सीट भी आती है, जहां से भी सपा का ही विधायक है। इसके अलावा अगर 2014 के दलीय प्रत्याशियों पर भी नजर दौड़ाएं तो भाजपा से अयोध्या के पूर्व विधायक लल्लू सिंह, बसपा से जितेन्द्र सिंह उर्फ बबलू, सपा से पूर्व सांसद मित्रसेन यादव और कांग्रेस से खुद निर्मल खत्री मैदान में हैं। ऐसे में फैजाबाद में रोचक मुकाबले के आसार हैं।
इस बीच विहिप के अयोध्या मीडिया प्रभारी शरद शर्मा बताते हैं कि इस बार लड़ाई त्रिकोणीय होगी। त्रिकोणीय संघर्ष में ऊंट किस करवट बैठेगा यह कहना अभी जल्दबाजी होगी।
शर्मा ने कहा, “पिछली बार की तुलना में इस बार लड़ाई अलग है। वर्तमान सांसद निर्मल खत्री के अलावा सपा ने मित्रसेन यादव को टिकट दिया है। इससे लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है।”
कांग्रेस के भीतर भी कलह है। हाल ही में कांग्रेस से छह साल के लिए निष्कासित वरिष्ठ नेता डॉ. खलील अहमद ने प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री के नाम खुला पत्र जारी कर केंद्र सरकार की समितियों से लेकर प्रदेश कमेटी में प्रमुख मुस्लिम व दलित नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया था।