नई दिल्ली,एजेंसी-2 अप्रैल। चुनाव आयोग ने फिर स्पष्ट किया कि कोई भी केंद्रीय मंत्री, राज्यों का कोई भी मंत्री या वर्तमान सांसद या विधायक आदि चुनाव एजेंट या मतदान एजेंट आदि नहीं बन सकता है। अगर वह ऐसा करता है तो यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होगा। आयोग के सचिव सुमित मुखर्जी ने सभी राज्यों तथा केंद्र शासित क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर यह स्पष्टीकरण भेजा है। आयोग द्वारा जारी इस पत्र से दो टूक कहा गया है कि आयोग ने 2008 को ही निर्देश जारी कर स्पष्ट कर दिया था कि केंद्र या राज्य सरकार के किसी मंत्री या विधायक आदि के चुनाव एजेंट या मतदान एजेंट या मतगणना एजेंट बनने पर रोक लगा दी गई है। पत्र में यह भी कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति को सरकार द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई हो तो वह भी एजेंट बनने का अधिकारी नहीं है। यही नहीं चुनाव के दौरान ऐसे किसी व्यक्ति को इस बात की भी अनुमति नहीं दी जा सकती कि वह एजेंट बनने के लिए अपनी सुरक्षा का त्याग कर दे। आयोग ने यह भी कहा है कि नगर निगम के महापौर और नगरपालिका या जिला परिषद या पंचायतों के प्रमुख को भी एजेंट बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। आयोग ने कहा है कि चुनाव के दौरान उम्मीदवार अपने चुनावी एजेंट रखते समय इन प्रतिबंधों का ख्याल अवश्य रखें क्योंकि ऐसा न करने पर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
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