नई दिल्ली,एजेंसी-5 मई। नरेंद्र मोदी के स्नूपगेट कांड का सच सामने लाने के लिए कांग्रेस को अपने ही सहयोगियों ने अंगूठा दिखा दिया है। भीतरखाने तो कई नेता बगावती हो ही रहे हैं, पर नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल ने कांग्रेस के कदम पर ही सवाल उठा दिए हैं। दोनों ही नेताओं ने कांग्रेस को चेताया है कि आखिरी वक्त में ही क्यों जांच-पड़ताल को अंजाम दिया जा रहा है।
हालांकि बगावतें कितनी भी हों, पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी को पछाड़ने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती। इस पूरे मसले पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर पांच सवाल दागे हैं – एक महिला की जासूसी को अंजाम देकर मोदी ने इंडियन टेलीग्राफ ऐक्ट और पीनल कोड का उल्लंघन क्यों किया? सर्वेलाइएंस बैठाने के लिए मोदी ने किस तरह अपने अधिकारों व शक्तियों का प्रयोग किया? नरेंद्र मोदी उस महिला को पांच साल से जानते थे, उनकी जासूसी को लेकर क्या मंशा थी? गुजरात सरकार में ग्रिड पॉवर प्रोजेक्ट ऐसी संस्था को क्यों दिए गए, जिसके पास अनुभव की कमी थी? नरेंद्र मोदी ने सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल निजी अवैध सर्वेलाएसं में क्यों किया, जिससे लोगों में सरकारी तंत्र के प्रति अविश्वास पैदा हुआ? इन पांच सवालों को लेकर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी व अमित शाह से जवाब मांगे हैं। गौरतलब है चुनावी जंग चरम पर है। ऐसे में एक ओर कांग्रेस का निशाना जानकारों को आखिरी वक्त का दांव लग रहा है, वहीं राहुल-सोनिया के सिपाही इसे देशहित में उठाया गया कदम बता रहे हैं। स्नूपगेट की जांच हो न हो, परिणाम सामने आएं न आए, पर इतना तय है कि इन चुनावों की निर्णायक पृष्ठभूमि ही अब कांग्रेस-भाजपा का भविष्य तय करेगी। ‘सेल्फी मामले’ से राहत पा चुके मोदी अब चुनाव आयोग पर सख्त जरूर हैं, पर उनकी अमेठी में ताबड़तोड़ रैली कांग्रेस का गढ़ हिला सकती है।
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