नई दिल्ली,एजेंसी-14 मई। सभी एग्जिट पोल में बीजेपी की नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार बनते दिखाए दे रही है। 16 मई को नतीजे आने के बाद असली दृश्य साफ हो जाएगा। कांग्रेस अभी मायूस है। भले ही सारे एग्जिट पोल एनडीए की सरकार बनने का अनुमान लगा रहे हो लेकिन कांग्रेस ने अभी भी उम्मीदें नहीं छोड़ी है। कांग्रेस को लगता है कि एग्जिट पोल गलत साबित होंगे और एनडीए बहुमत हासिल नहीं कर पाएगा।ऐसे में कांग्रेस में तोड़-जोड़ की राजनीति कर सरकार बनाने की आस जग गई है। एनडीए और नरेन्द्र मोदी को सत्ता से दूर रखने के यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कवायत शुरु कर दी है। समान विचारधारा वाले दलों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।
एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस चेयरप्सन सोनिया गांधी ने खुद तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी से मिलकर संपर्क साधने की कोशिश की। वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती और समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से संपर्क किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक एक सप्ताह पहले सोनिया गांधी ने ममता बनर्जी से संपर्क किया था। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी भी लगातार मायावती और मुलायम सिंह के संपर्क में है। कांग्रेस ने उन दलों से संपर्क साधने में जुटी है जो यूपीए में शामिल नहीं है। कांग्रेस की कोशिश है कि भाजपा और मोदी को सत्ता से दूर रखने के लिए इन दलों के साथ न्यूनतम समझ विकसित की जाए। आपको बता दें कि ममता पहले भी यूपीए का हिस्सा रह चुकी है। मायावती और मुलायम यूपीए को बाहर से समर्थन दे चुके हैं। ऐसे में संभावनाएं ज्यादा है कि मोदी को रोकने के लिए ये दल कांग्रेस का साथ दे सकते है। सोनिया गांधी ने ममता बनर्जी से उस वक्त संपर्क किया था जब वह मोदी पर जुबानी हमले बोल रही थी। सोनिया गांधी के कहने पर पार्टी ने यूपी में मायावती और मुलायम से बैकचैनल संपर्क स्थापित किया। मुलायम सिंह साफ कर चुके हैं कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए वह कांग्रेस का साथ देने को तैयार हैं। वहीं मायावती भी कह चुकी है कि वह एनडीए को किसी हाल में समर्थन नहीं देगी। हलांकि उन्होंने कांग्रेस को समर्थन देने पर भी चुप्पी साध रखी है। अगर एग्जिट पोल के आंकड़े सही साबित हुए तो बसपा के खाते में 16 से 18 सीटें, तृणमूल कांग्रेस को 25 से 31 सीटें और सपा को 18-20 सीटें मिल रही है। ऐसे में ये तीनों ही पार्टियां बड़ी गम चेंजर साबित हो सकती है।