नई दिल्ली,एजेंसी-17 मई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए सभी पूर्वानुमानों को जहां ध्वस्त कर दिया, वहीं अपने दम पर बहुमत हासिल किया। भारतीय राजनीति और नीतियों पर दूरगामी असर डालने वाला यह चुनाव परिणाम शुक्रवार को आया जिसके साथ ही गुजरात में 13 वर्षो से मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेना तय हो गया।
इस चुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की बुरी तरह पराजय तो हुई ही, भ्रष्टाचार और व्यवस्था परिवर्तन के नारे के साथ उभरी आम आदमी पार्टी (आप) के प्रति भी मतदाताओं का रवैया उदासीन रहा। पार्टी केवल पंजाब में अपनी संतोषजनक उपस्थिति दर्ज करा सकी।
चुनाव परिणाम जारी होने के बाद वडोदरा में हजारों समर्थकों की भीड़ के बीच विजय संबोधन देते हुए मोदी ने कहा, “मैं लोगों का प्रधान सेवक चुना गया हूं।” इस सीट से मोदी ने संसदीय चुनाव में जीत का नया रिकार्ड कायम किया है और वे 570,000 मतों से विजयी घोषित हुए हैं। मोदी उत्तर प्रदेश की वारणसी सीट से भी जीते हैं।
मोदी उदय से आशंकित अल्पसंख्यक समुदाय को सांत्वना देने के उद्देश्य से मोदी ने कहा, “इस देश के सभी लोग हमारे हैं। सभी को साथ लेकर चलना हमारी जिम्मेवारी है। हमारा मिशन होगा सभी के साथ, सभी के लिए विकास।”
चुनाव परिणामों के सामने आने और भाजपा को स्पष्ट बहुमत की ओर अग्रसर पाने के साथ ही ब्रिटेन, जापान, इजरायल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और आस्ट्रेलिया के नेताओं ने फोन कर मोदी को बधाई दी। यह माना जा रहा है कि मोदी विदेश नीति पर कठोर रवैया और यहां तक कि भारत के कुछ अंतर्राष्ट्रीय समीकरणों को बदल सकते हैं।
मोदी की जीत की खुशी में शेयर बाजार भी उछल गया। भारतीय उद्योगपतियों को भी मोदी में ‘नई उम्मीद’ दिखाई दे रही है। उद्योगपतियों का माना है कि मोदी घिसट रही भारतीय अर्थव्यवस्था को उठाने में कामयाब होंगे और दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था में निवेशकों का भरोसा बहाल कर सकेंगे।
भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में जहां एक तरफ जीत का इतिहास बनाया है, वहीं कांग्रेस के साथ हार का इतिहास जुड़ गया है। क्योंकि आजादी के बाद देश में हुए अबतक के आम चुनावों में कांग्रेस का इतना खराब प्रदर्शन कभी नहीं रहा था।
राजनीतिक पंडितों के अनुमानों को धता बताते हुए भाजपा ने चुनावों में जो जीत हासिल की, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उसे अपने पुराने एवं नए गठबंधन सहयोगियों के समर्थन की भी जरूरत नहीं रहेगी।
वर्ष 2004 से सत्ता पर काबिज देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को अब तक की सबसे शर्मनाक हार मिली है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में दो अंकों तक सिमट कर रह गई है और यह उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। कांग्रेस ने 2009 में 206 सीटें जीती थी।
कांग्रेस को अगर लोकसभा की कुल सीटों में से 10 फीसदी सीटें नहीं मिल पाती हैं, तो उसे नेता प्रतिपक्ष के कैबिनेट रैंक से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
कांग्रेस सात राज्यों में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं रही, वहीं किसी भी एक राज्य में उसे 10 सीटें नहीं मिलती दिख रहीं।
हार से क्षुब्ध कांग्रेस ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत की बधाई दे दी है। जयराम रमेश ने कहा, “हमारा प्रदर्शन खराब से भी खराब रहा।”
रायबरेली से जीत दर्ज कराने वाली सोनिया गांधी ने कहा, “जनता का फैसला हमारे खिलाफ है।” सोनिया एवं राहुल गांधी ने हार स्वीकार करते हुए भाजपा को बधाई दी, लेकिन मोदी का नाम नहीं लिया।
घोषित परिणाम और रुझानों के अनुसार भाजपा को 280 सीटें मिलने के आसार हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत के लिए 272 सीटों की ही जरूरत होती है। ऐसी संभावना है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 21 मई को नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला सकते हैं।
तमिलनाडु में कुल 39 सीटों में से मुख्यमंत्री जयललिता के नेतृत्व में एआईएडीएमके 37 सीटें जीतने के करीब है। इस तरह वह लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। एआईएडीएमके ने लंबे समय से अपने प्रतिद्वंद्वी डीएमके का सूपड़ा साफ कर दिया है।
पश्चिम बंगाल में 42 सीटों में से तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों का सफाया करते हुए 34 सीटें जीतने के करीब है।
ओडिशा में सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) 21 में से 20 सीटें जीतने के करीब है।
भाजपा की पुरानी सहयोगी शिवसेना महाराष्ट्र में 48 में से 18 सीटें जीतने के करीब है और इस तरह भाजपा-शिवसेना गठबंधन 40 सीटें जीतने के मुहाने पर है।
जीत दर्ज करने वाले भाजपा के कद्दावर नेताओं में लालकृष्ण आडवाणी (गांधीनगर), राजनाथ सिंह (लखनऊ), मुरली मनोहर जोशी (कानपुर), नितिन गडकरी (नागपुर) और सुषमा स्वराज (विदिशा) शामिल हैं।
भाजपा के एकमात्र बड़े नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे अरुण जेटली को हार का सामना करना पड़ा है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह ने अमृतसर से जेटली को पराजित किया है।
कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है। इनमें केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, अजय माकन और पवन कुमार बंसल शामिल हैं।
वाम दलों को भी बड़ा झटका लगा है। वाराणसी से जीत का दावा करने वाले आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल भी मोदी से करीब तीन लाख वोटों से हार गए हैं।