नई दिल्ली,एजेंसी-19 मई। एक ओर जहां दिल्ली में मोदी सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है तो वहीं दूसरी ओर बिहार में जेडीयू सरकार को लेकर घमासान मचा हुआ है। घमासान के एक छोर पर हैं मुख्यमंत्री नीतीश यादव जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है तो दूसरी ओर खुद जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव जो नीतीश के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री बदलने पर अड़े हुए हैं। इस घमासान के मद्देनजर आज होने वाली विधायक दल की बैठक महत्वपूर्ण हो गई है जिसमें नीतीश को इस्तीफे पर पुनर्विचार के बाद अपना फैसला सुनाना है।
कल विधायक दल की बैठक में कुछ विधायकों को छोड़कर तकरीबन सभी विधायकों ने नीतीश से अपना इस्तीफा वापस लेने की मांग की थी। विधायकों ने नीतीश के इनकार करने के बावजूद एक बार फिर उन्हें ही अपना नेता चुन लिया जिसके बाद नीतीश ने इस मुद्दे पर विचार के लिए आज तक का वक्त मांगा था। नीतीश समर्थक विधायक इस बात पर अड़े हैं कि नीतीश की जगह कोई और नेता उन्हें कतई मंजूर नहीं होगा।
दूसरी ओर पार्टी अध्यक्ष शरद यादव नेता बदलने पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश का इस्तीफे का फैसला देश के और पार्टी के हित में है। ये खुद नीतीश कुमार के हित में भी है। आज ये फैसला मुकम्मल तौर पर पूरा होगा। शरद यादव ने कहा कि हमने बहुत लोगों से बात की है। ये कठिन फैसला है लेकिन वाजिब है। देश के लोगों को लक्ष्य करते हुए लिया गया है। इसका लक्ष्य दिल्ली है, बिहार तक सीमित नहीं है। नीतीश कुमार का फैसला फाइनल है। ये पूरा होगा। ये त्याग का फैसला है।
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