पटना,एजेंसी-19 मई। बिहार में बदलते समीकरणों के बीच सोमवार को जदयू विधायकों ने नीतीश कुमार को नया उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार दे दिया है। विधायक दल की बैठक में आज यह फैसला लिया गया। इससे पहले गहमागहमी के बीच नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा वापस लेने और दोबारा सीएम बनने से साफ इंकार कर दिया था।
नीतीश ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने अपने इस्तीफे का फैसला आवेश में आकर नहीं लिया है, बल्कि पार्टी के विधायकों के साथ बात करने के बाद ही यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जो विपरित परिणाम आए उसकी जिम्मेदारी लेते हुए ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है, जिसे वापस लेना नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि परिणाम के बाद उनके सामने असाधारण हालातों से निपटने की चुनौती थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला नैतिकता के आधार पर ही लिया गया है।
नीतीश ने अपने विरोधियों पर आरोप लगाया कि वह लोगों में भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी सरकार के दौरान उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ राज्य में विकास कार्य पूरे किए हैं।
जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने भी आज विधायक दल की बैठक से पहले कहा कि नीतीश कुमार के अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला आखिरी है। अब इसमें कोई बदलाव नहीं होने वाला। ऐसा कहा जा रहा है कि विधायकों के दबाव को देखते हुए फिर से सीएम बनने पर विचार करने के लिए नीतीश ने सोमवार तक का समय मांगा था, लेकिन विधायकों ने भी उनके इस्तीफे पर सहमति जता दी थी।
इससे पहले बिहार में चल रहे इस राजनीतिक हलचल को देखते हुए सुशील मोदी के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा का प्रतिनिधिमंडल भी रविवार को राज्यपाल से मिलने गया था। नीतीश के इस्तीफे के मामले में केंद्र ने भी बिहार के राज्यपाल से रिपोर्ट मांगी थी। गौरतलब है कि रविवार को भारी हंगामे के बीच जदयू विधायक दल की बैठक नए सीएम को चुने बिना ही खत्म हो गई थी। विधायकों के दबाव को देखते हुए नए मुख्यमंत्री को चुनने का फैसला सोमवार तक के लिए टाल दिया गया था।
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