नई दिल्ली,एजेंसी-21 मई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी को औपचारिक रूप से देश का अगला प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया। इसके पहले मोदी, उनकी पार्टी व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
मोदी सोमवार 26 मई को 14वें प्रधानमंत्री के रूप शपथ ग्रहण करेंगे।
शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन के सामने विशाल प्रांगण में होगा और इसका सीधा प्रसारण टेलीविजन पर किया जाएगा। यह पहला मौका है, जब आजादी के बाद जन्म लेने वाला व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बनने जा रहा है।
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, “मोदी के भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने और भाजपा को लोकसभा में पूर्ण बहुमत होने की वजह से राष्ट्रपति ने उन्हें देश का अगला प्रधानमंत्री नियुक्त किया है और उनसे मंत्रिमंडल के सदस्यों के नाम पेश करने का अनुरोध किया है।”
वक्तव्य के मुताबिक, “राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति भवन में 26 मई शाम छह बजे मोदी को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।”
इससे पहले संसद के केंद्रीय कक्ष में मोदी सर्वसम्मति से पार्टी के संसदीय दल के नेता चुने गए और उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी और आशा के युग की शुरुआत हो गई है और वह देश या अपनी पार्टी को निराश नहीं करेंगे।
संसद के केंद्रीय कक्ष में पार्टी सांसदों व अन्य नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा को लोकसभा में मिला बहुमत आशा व विश्वास को मत है। उन्होंने कहा, “यह आशा की शुरुआत है।”
मोदी ने केंद्रीय कक्ष में कदम रखने से पहले ‘लोकतंत्र के मंदिर’ की दहलीज पर माथा टेका।
मोदी ने कहा कि साधारण पृष्ठभूमि से हुआ उनका उदय भारतीय लोकतंत्र की महानता का सम्मान है।
मोदी के नाम का प्रस्ताव वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने किया और मुरली मनोहर जोशी, वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली सहित अन्य नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
भाजपा के नवनिर्वाचित सांसदों के केंद्रीय कक्ष पहुंचने पर माहौल बेहद रोमांचक हो गया और वे सभी एक-दूसरे का अभिवादन कर रहे थे और गले मिल रहे थे।
मोदी के आते ही सांसद उन्हें बधाई देने बढ़े। मोदी ने उनकी बधाइयां स्वीकार की और आडवाणी के पांव छुए। मोदी के संबोधन के दौरान सांसदों ने मेज थपथपा कर उनसे सहमति जताई। भाजपा 10 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में हुए संसदीय चुनाव में मोदी के नेतृत्व में भाजपा को 545 सदस्यीय लोकसभा में 282 सीटें हासिल हुई, जो पूर्ण बहुमत पाने वाली पहली गैर कांग्रेसी पार्टी बन गई है। कांग्रेस को चुनाव में सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है और उसके सांसदों की संख्या सिमट कर 44 हो गई है।
मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं को याद किया।
अपनी साधारण पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की वजह से वह आज केंद्रीय कक्ष में हैं।
मोदी ने कहा कि उन्होंने कभी निराश महसूस नहीं की। उन्होंने कहा, “सिर्फ आशावादी लोग ही दूसरे को प्रोत्साहित कर सकते हैं। हमें निराशावाद को छोड़ना होगा।”
उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं को सवा अरब जनता की सेवा में खुद को समर्पित करना होगा।
मोदी ने कहा, “संगठन द्वारा दी गई जिम्मेदारी को शुद्धता के साथ निबाहना होगा।”
खुद को अनुशासित जवान करार देते हुए उन्होंने गरीबों के लिए काम करने का संकल्प लिया। मोदी ने कहा कि वह अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड अब से पांच साल बाद 2019 में पेश करेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी से ऊपर न समझा जाए और पार्टी की शानदार जीत का श्रेय संगठनात्मक शक्ति को दिया।
मोदी उस वक्त भावुक हो गए, जब उन्होंने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की बात का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने (मोदी) चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर कृपा की है।
मोदी ने कहा, “कृपया कर कृपा शब्द का इस्तेमाल न करें। एक बेटा अपनी मां पर कृपा नहीं करता है। बेटा समर्पण के साथ काम करता है। मैं भारत की तरह भाजपा को अपनी मां मानता हूं।”
मोदी ने कहा कि पहली बार ऐसा हो रहा है जब देश की आजादी के बाद जन्मे इंसान के नेतृत्व में सरकार का गठन होगा।
मोदी ने कहा, “हमें देश के लिए मरने का मौका नहीं मिला, लेकिन लोगों ने हमें देश के लिए जीने का अवसर दिया है। हर सेंकेंड और शरीर का हर हिस्सा देश की सेवा में इस्तेमाल होना चाहिए।”
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इसे ऐतिहासिक घटना करार देते हुए कहा कि भारतीय राजनीति का ऐसा युग शुरू हुआ है जिस पर भाजपा का प्रभुत्व है और दूसरी सभी पार्टियां ‘अन्य’ बन गई हैं।
उन्होंने कहा, “यह एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक पल है। हालांकि, 1977 में जनता पार्टी को बहुमत मिला था और कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई थी, लेकिन वह विभिन्न पार्टियों का समूह थी। भाजपा पहली पार्टी है जिसने यह अकेले अपने दम पर ऐसा किया है।”
राजनाथ ने कहा कि वह बेहद खुश और रोमांचित हैं और इस दिन को पार्टी के विचारक दीनदयाल उपाध्याय के मजबूत, आत्मनिर्भर और स्वतंत्र भारत के सपने के पूरा होने का दिन करार दिया।
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