नई दिल्ली,एजेंसी-23 मई। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए किरण बेदी का नाम सामने आने पर भाजपा में विरोध के स्वर बुलंद होते नजर आ रहे हैं। पार्टी के कई नेता किरण को सीएम बनाने के खिलाफ हैं। खास तौर पर पार्टी की दिल्ली इकाई ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया है। प्रदेश इकाई के कई नेता सवाल उठा रहे हैं कि जब पार्टी के पास कई वरिष्ठ नेता हैं तो ऐसे में बाहरी शख्स को क्यों बुलाया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से यह खबरें आ रही हैं कि पूर्व आईपीएस अफसर किरण बेदी भाजपा की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार हो सकती हैं। वहीं राजनीति में आने से साफ इनकार करने वाली किरणबेदी भी अब राजनीति में आने को लेकर लचीला रुख अपनाती दिख रही हैं। खुद किरण बेदी ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘मैं क्षमता के आधार पर भारतीय राजनीतिक सेवा में जाने की बात से अब और इनकार नहीं करती। मैं इस दिशा में कुछ लचीला रुख अपना रही हूं।Ó किरण बेदी के ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चाएं गर्म हो गई कि किरन राजनीति में एंट्री कर रही हैं। हालांकि, जब किरण बेदी से पूछा गया कि क्या वह भाजपा में शामिल होने पर विचार कर रहीं हैं? तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अन्ना हजारे की मुहिम में सक्रिय रहने वाली बेदी खुलकर मोदी के नेतृत्व की तारीफ कर चुकी हैं। आम चुनावों में पश्चिमी दिल्ली से जीते प्रवेश वर्मा ने कहा कि किरन बेदी पार्टी की सदस्य भी नहीं हैं। हाल-फिलहाल उनकी कोई जरुरत भी नहीं लग रही है। वह पार्टी और संगठन के बारे में कुछ नहीं जानतीं। मुख्यमंत्री बनने के बाद केवल सरकार ही चलानी नहीं होती, बल्कि जनता,पार्टी और कार्यकर्ताओं को भी साथ लेकर चलना होता है।
किरण बेदी के पार्टी में शामिल होने की महीनों से चर्चा चल रही है, लेकिन अब तक उनके सामने इस बारे में एक बार भी कोई बात सामने नहीं आई। कोई बाहरी शख्स एबीसीडी न जानता हो और सीधे उसे मुख्यमंत्री डिक्लेयर कर दें, इसका कोई तुक नहीं बनता।
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