वाशिंगटन,एजेंसी-14 जून। इराक में जारी हिंसा के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि इराकी सरकार की किसी राजनीतिक योजना के बिना उनका देश वहां इस्लामी आतंकी समूह आइएसआइएल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा।
गौरतलब है कि इराक में आतंकियों के मोसुल शहर सहित देश के सुन्नी बहुल इलाके पर कब्जा करने और बगदाद की ओर कूच करने के बाद प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी की सरकार के सामने संकट गहरा गया है। सरकार अब तक कोई ठोस जवाबी कार्रवाई करने में विफल रही है।
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इराक मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ बैठक की है। ओबामा ने अमेरिकी सेना को इराक में वापस युद्ध में भेजने से इनकार किया। साथ ही कहा कि वह हिंसक इस्लामी आतंकवाद से निपटने में युद्ध से जर्जर देश की मदद करने के लिए अन्य विकल्पों को खंगाल रहे हैं।
इराक से अमेरिका की वापसी के बाद इराक के स्थिरता के लिए यह सबसे बड़ा खतरा है। इससे इराक के सुन्नियों, शिया और कुर्द क्षेत्रों में बंटने का भी खतरा मंडराने लगा है। इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और लेवांट के विद्रोहियों ने अब इराक की राजधानी बगदाद की ओर कूच कर दिया है।
आतंकियों ने इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल पर कब्जा करने के बाद वहां शरिया कानून को लागू करने की घोषणा कर डाली। मंगलवार को इन्होंने मोसुल पर कब्जा कर लिया था और अन्य इलाकों की घेराबंदी कर ली थी। उत्तरी इराक में कुर्द सुरक्षा बलों ने सत्ता में आए खालीपन का लाभ उठाते हुए किरकुक में वायु ठिकाने और सेना द्वारा छोड़ दी गई चौकियों पर अपना आधिपत्य स्थापित करना शुरू कर दिया है।
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