वाशिंगटन/नई दिल्ली,एजेंसी-2 जुलाई। अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी (एनएसएस) के पूर्व ठेकेदार एडवर्ड स्नोडेन द्वारा लीक दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि अमेरिका ने विश्व के छह राजनीतिक दलों की जासूसी करने की 2010 में एनएसए को अनुमति दी थी। इन दलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी शामिल थी। वाशिंगटन पोस्ट में सोमवार को प्रकाशित इस खबर को लेकर भारत में मंगलवार को भारी कोहराम मच गया। सत्ताधारी और विपक्षी दल के नेताओं ने सरकार से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर वाशिंगटन से बात की जाए।
भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा, “भाजपा की जासूसी संबंधित एडवर्ड स्नोडेन के खुलासे को सत्यापित किए जाने की जरूरत है। यदि यह सच है तो विदेश मंत्रालय को इस पर उचित तरीके से प्रतिक्रिया देनी चाहिए।”
रूडी ने कहा, “यह गंभी चिंता का विषय है।”
कांग्रेस ने भी कहा कि सरकार को अमेरिका से इस मुद्दे पर हर हाल में बात की जानी चाहिए।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, “यह भारत सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि इसपर अमेरिका सरकार से बात की जाए। यदि रिपोर्ट सही है, और यदि ऐसा हुआ है, तो इस कथित गतिविधि के पीछे का क्या कारण था।”
स्नोडेन द्वारा लीक किए गए दस्तावेजों के अनुसार, अमेरिकी समाचार पत्र द वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित एक रपट में कहा गया है कि अमेरिका ने विश्व के छह राजनीतिक दलों की जासूसी करने के लिए एनएसए को अनुमति दी थी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी शामिल है।
अमेरिका की एक अदालत ने 2010 में नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी (एनएसए) को इस जासूसी के लिए अधिकृत किया था।
वाशिंगटन पोस्ट में सोमवार को प्रकाशित रपट के अनुसार, जिन राजनीतिक पार्टियों की जासूसी करने के लिए एनएसए को अधिकृत किया गया था, उनमें लेबनान की अमाल, वेनेजुएला की बोलिवरियन कांटीनेंटल कोऑर्डिनेटर, मिस्र की मुस्लिम ब्रदरहुड और नेशनल साल्वेशन फ्रंट, तथा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी शामिल हैं।
दस्तावेज में कहा गया है कि न्यायालय ने ‘एस’ फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विलांस एक्ट (एफआईएसए) के तहत एनएसए को 193 विदेशी सरकारों की भी जासूसी करने की अनुमति दी थी।
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