नई दिल्ली,एजेंसी-8 जुलाई। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले रेल बजट में देश में बुलेट ट्रेन चलाने की देशवासियों की इच्छा को पूरा करने का वायदा करते हुए शीघ्र ही मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर पहली बुलेट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव किया गया। रेल मंत्री सदानंद गौड़ा ने आज लोकसभा में अपना पहला रेल बजट पेश करते हुए बुलेट ट्रेन चलाने की साथ ही चुनिंदा नौ सेक्टरों में 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेनें चलाने का भी प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक भारतीय की यह इच्छा और सपना है कि भारत में यथाशीघ्र बुलेट ट्रेन चलाई जाए.। भारतीय रेल लंबे समय से संजोए हुए इस सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मुंबई-अहमदाबाद खंड पर पहले से ही चिह्नित किये हुए मार्ग पर बुलेट ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है। इसके लिए अध्ययन किये गये हैं।’
गौड़ा ने कहा कि बुलेट ट्रेनों के लिए पूरी तरह से नयी अवसंरचना की आवश्यकता होगी, लेकिन वर्तमान नेटवर्क को उन्नत करके मौजूदा रेलगाड़ियों की गति बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए चुनिंदा सेक्टरों में 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे तक रेलगाड़ियों की गति बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा जिससे प्रमुख नगरों के बीच यात्रा समय में कमी लाई जा सके। मंत्री ने कहा कि केवल एक बुलेट ट्रेन चलाने के लिए 60 हजार करोड़ रपये की आवश्यकता होगी।
गौड़ा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदर्शिता थी, जिन्होंने भारत में स्वर्णिम चतुभरुज सड़क नेटवर्क दिया और आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के प्रमुख महानगरों और विकास केंद्रों को जोड़ने के लिए उच्च गति वाले रेल के हीरक चतुभरुज नेटवर्क की महत्वाकांक्षी योजना आरंभ की जा रही है। रेल मंत्री ने बताया कि इसके लिए इस साल के रेल बजट में 100 करोड़ रपये की व्यवस्था की गयी है।
जिन नौ क्षेत्रों में सेमी हाईस्पीड रेलगाड़ियां चलाने का प्रस्ताव रखा गया है, वे हैं दिल्ली-आगरा, दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-कानपुर, नागपुर-बिलासपुर, मैसूर-बेंगलूर-चेन्नई, मुंबई-गोवा, मुंबई-अहमदाबाद, चेन्नई-हैदराबाद और नागपुर-सिकंदराबाद। पिछले 10 साल में कई बार बुलेट ट्रेन चलाने के इरादे से कुछ मार्गों पर सर्वेक्षण कराये गये, लेकिन काफी महंगी परियोजना होने के चलते इस पर आगे कदम नहीं बढ़ाये गये।