नई दिल्ली,एजेंसी-10 जुलाई। वित्त मंत्री अरुण जेटली गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट पेश करेंगे। इस पर सभी की निगाहें रहेंगी, जो यह देखने की कोशिश करेंगे कि जेटली भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार और विकास के लिए क्या कदम उठाते हैं। मौजूदा बजट वित्त वर्ष 2013-14 के आर्थिक सर्वेक्षण के जारी होने के बाद पेश हो रहा है, जिसमें देश के आर्थिक हालात की रूपरेखा पेश गई है। आर्थिक सर्वेक्षण में महंगाई नियंत्रण, रोजगार सृजन और विकास दर में वृद्धि को देश की तीन मुख्य चुनौतियां बताई गई हैं।
मोदी की आम चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने पर लोगों की इस बजट से काफी अपेक्षाएं हैं। भारत की 1.2 अरब जनता को रोजगार सृजन, महंगाई से राहत और विकास की रफ्तार फिर तेज करने के जरिए ‘अच्छे दिन’ लाने का वादा करने पर उनसे विशेष उम्मीद की जा रही है।
माना जा रहा है कि जेटली कर की सीमा (टैक्स स्लैब) में वृद्धि करेंगे, क्योंकि यह आम आदमी को राहत देने का प्रत्यक्ष उपाय है और साथ ही वह सब्सिडी को पुनर्गठित कर वित्तीय घाटे को कम करने पर भी जोर देंगे। अगर नीतिगत चीजों की बात करें तो वित्त मंत्री वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)के जरिए लंबित पड़े अप्रत्यक्ष कर सुधार को लागू करने की रूपरेखा की भी घोषणा कर सकते हैं। जेटली भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादे के अनुसार महंगाई स्थिरीकरण कोष की भी घोषणा कर सकते हैं।