नॉटिंघम,एजेंसी-14 जुलाई। भारतीय क्रिकेट टीम ने ट्रेंट ब्रिज मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ हुए पहले टेस्ट मैच में पुछल्ले बल्लेबाजों के बल पर मैच ड्रॉ करा लिया। मैच के आखिरी दिन भारतीय टीम दूसरी पारी में नौ विकेट पर 391 रन के स्कोर के साथ लौटी, जबकि इंग्लैंड को दूसरी पारी खेलने का मौका ही नहीं मिला। भुवनेश्वर कुमार 63 रनों पर नाबाद लौटे। भुवनेश्वर नौवें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज भी बन गए। इसके साथ ही उन्होंने सात टेस्ट मैचों में पहली बार पारी में पांच विकेट भी हासिल किया।
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने हालांकि जोए रूट (नाबाद 154) के साथ 10वें विकेट के लिए अपनी विश्व रिकॉर्ड साझेदारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच हासिल किया। एंडरसन ने रूट के साथ इंग्लैंड के लिए पहली पारी में 10वें विकेट के लिए 198 रनों की साझेदारी निभाई। इसके अलावा एंडरसन ने मैच में कुल चार विकेट भी हासिल किए। भारत के लिए वहीं भुवनेश्वर कुमार का प्रदर्शन सराहनीय रहा। उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से जबरदस्त प्रदर्शन किया। भुवी ने पहली पारी में एक समय संकट की स्थिति में पहुंच चुकी भारतीय टीम को मोहम्मद समी (नाबाद 51) के साथ 10वें विकेट की साझेदारी में भारत की तरफ से इंग्लैंड के खिलाफ सबसे ब़डी 111 रनों की साझेदारी कर जहां टीम को 457 रनों के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया, वहीं दूसरी पारी में मैच के आखिरी दिन रविवार को सुबह पहले सत्र में ही तीन विकेट गंवाकर मैच हारने की स्थिति में पहुंच चुकी टीम को एक बार फिर नाबाद 63 रनों की अर्धशतकीय पारी से संभाल लिया।
इस मैच से टेस्ट करियर की शुरूआत करने वाले स्टुअर्ट बिन्नी (78) पदार्पण टेस्ट शतक से भले चूक गए, लेकिन मैच के आखिरी दिन भोजनकाल तक छह विकेट गंवा चुकी भारतीय टीम के लिए उन्होंने रविंद्र जडेजा (31) और भुवनेश्वर के साथ सातवें और आठवें विकेट के लिए क्रमश: 65 और 91 रनों की साझेदारी हार के खतरे को जरूर खत्म कर दिया। रविवार को पहले सत्र में भारतीय टीम ने तीन, दूसरे सत्र में दो और तीसरे सत्र में एक विकेट गंवाए। भारतीय टीम दूसरी पारी में चौथे दिन के अपने स्कोर तीन विकेट पर 167 रन से आगे खेलने उतरी तो उसे स्टुअर्ट ब्रॉड के कहर का सामना करना प़डा। ब्रॉड ने दिन के दूसरे ही ओवर में विराट कोहली (8) को पवेलियन की राह दिखा दी। ब्रॉड यहीं नहीं रूके।
अपने अगले ही ओवर में उन्होंने अजिंक्य रहाणे (24) को भी चलता कर भारत की राह मुश्किल कर दी। कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (11) ने बहुत संभलकर खेलना शुरू किया। हालांकि पांच रन के निजी स्कोर पर मिले जीवनदान का वह ज्यादा देर फायदा नहीं उठा सके। ब्रॉड की गेंद पर धौनी के बल्ले का मोटा किनारा लेकर गई गेंद को तीसरे स्लिप पर ख़डे इंग्लिश कप्तान एलिस्टर कुक कैच नहीं कर सके। लिएम प्लंकेट की गेंद पर धौनी के क्लीन बोल्ड होते ही भारतीय टीम पर मैच बचाने का संकट मंडराने लगा था। भोजनकाल के बाद नई गेंद के साथ जेम्स एंडरसन ने जडेजा का विकेट चटका दिया। जडेजा विकेट के पीछे लपके गए। हालांकि बिन्नी का साथ देने आए भुवनेश्वर ने आठवें विकेट के लिए एक बार फिर 91 रनों की साझेदारी कर टीम के सर पर मंडरा रहे हार के खतरे को खत्म कर दिया। पदार्पण मैच खेल रहे बिन्नी ने मोइन अली की गेंद पर पगबाधा करार दिए जाने से पहले 114 गेंदों की अपनी बेहतरीन पारी में आठ चौके और एक छक्का भी लगाया। बिन्नी के जाने के बाद भुवी ने इशांत शर्मा (12) के साथ नौवें विकेट के लिए 47 रनों की साझेदारी निभाई और अंत तक नाबाद रहे। भारतीय टीम ने पहली पारी में 457 रन बनाए, जिसमें मुरली विजय (146) और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के योगदान के अलावा भुवनेश्वर (58) और मोहम्मद समी (नाबाद 51) का विशेष योगदान रहा।
मुरली ने दूसरी पारी में भी 52 रनों की अहम पारी खेली और चेतेश्वर पुजारा (55) के साथ दूसरे विकेट के लिए 91 रन जो़डे। इंग्लैंड ने पहली पारी में 496 रन बनाए, जिसमें जोए रूट (नाबाद 154) और जेम्स एंडरसन (82) का विशेष योगदान रहा। इसके अलावा सैम रॉबसन (59) और गैरी बैलेंस (71) ने भी अहम पारियां खेलीं। भारत की तरफ से भुवनेश्वर ने पहली पारी में पांच, इशांत शर्मा ने तीन और समी ने दो विकेट हासिल किए। जबकि इंग्लैंड के लिए एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, लिएम प्लंकेट और मोइन अली ने चार-चार विकेट हासिल किए।
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