रियो डी जनेरियो,एजेंसी-14 जुलाई। जर्मनी ने फीफा विश्वकप फाइनल में अर्जेंटीना को 1-0 से हरा दिया है. जर्मनी का ये चौथा विश्वकप खिताब है.
इसके साथ ही जर्मनी दक्षिण अमेरिका में विश्व कप फुटबाल का खिताब जीतने वाली पहली यूरोपीय टीम बन गयी है.
मैच के निर्धारित समय तक गोलरहित छूटने के बाद मरकाना स्टेडियम में 113वें मिनट में मारियो गोएट्जे ने गोल दागकर अर्जेंटीना के लाखों प्रशंसकों का दिल तोड़कर जर्मनी को खुशी से सरोबार कर दिया. इससे लियोनेल मेस्सी का डियगो माराडोना की बराबरी करने का सपना भी टूट गया.
विश्व कप में सर्वाधिक 16 गोल करने वाले मिरोस्लोव क्लोस की जगह मैदान पर उतरे गोएट्जे ने एक अन्य स्थानापन्न खिलाड़ी आंद्रे शुर्ले के बायें छोर से दिये गये क्रास को अपनी छाती पर रोका और शानदार वॉली से उसे गोल तक पहुंचा दिया जिससे जर्मनी 24 साल के बाद फिर से विश्व चैंपियन बनने में सफल रहा.
जर्मनी का यह कुल चौथा और एकीकरण के बाद यह पहला खिताब है. इससे पहले पश्चिम जर्मनी ने 1954, 1974 और 1990 में खिताब जीता था. जर्मनी अब ब्राजील के रिकार्ड पांच खिताब से केवल एक खिताब पीछे है.
जर्मन कप्तान फिलिप लैम ने कहा कि हमने जो हासिल किया वह अविश्वसनीय है. हमारे पास सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत खिलाड़ी है या नहीं यह मायने नहीं रखता आपको केवल सर्वश्रेष्ठ टीम चाहिए.
मरकाना स्टेडियम में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल सहित 74,738 दर्शकों को जब लग रहा था कि मैच पेनल्टी शूटआउट तक चला जाएगा तब 22 वर्षीय गोएट्जे ने गोल दागकर जर्मनी सहित ब्राजील के प्रशंसकों को भी खुश कर दिया जो अपने पड़ोसी देश अर्जेंटीना की हार देखना चाहते थे.
अंतिम हूटर बजने से कुछ मिनट पहले मेस्सी के पास बराबरी करने का मौका था लेकिन उनकी फ्री किक क्रास बार के ऊपर से बाहर चली गयी और जर्मनी विश्व चैंपियन बन गया. मेस्सी के लिये यह टूर्नामेंट का निराशाजनक अंत रहा जिन्हें हार के बावजूद टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया.
अर्जेंटीना ने 1978 और 1986 में खिताब जीता था लेकिन तीसरी बार चैंपियन बनने का उसका इंतजार फिर से बढ़ गया है. संयोग से जर्मनी ने इससे पहले अपना आखिरी खिताब भी अर्जेंटीना को हराकर ही जीता था. मेस्सी के पास गोल करने के कुछ अच्छे अवसर आये थे लेकिन वह उनका नहीं भुना पाये और आखिर में अर्जेंटीना को मौके गंवाना महंगा पड़ा.
मेस्सी के पांवों का जादू खेल के नौवें मिनट में देखने को मिला. उन्होंने दायें छोर से गेंद संभाली और उसे अच्छी तरह से ड्रिबल करते हुए मैट हैमल्स को पीछे छोड़ा. अपनी गजब की तेजी और नियंत्रण से वह पेनल्टी एरिया तक पहुंचे लेकिन बास्टिन सेंटीगर ने उनका प्रयास नाकाम कर दिया.
गहरे नीले रंग की शर्ट के साथ उतरे अर्जेंटीना के फार्वड गोंजालो हिगुएन ने 21वें मिनट में गोल करने का मौका गंवाया. इसके बाद उन्होंने 30वें मिनट में इजेक्विल लावेजी के क्रास पर गोल दाग दिया था. हिगुएन इसका जश्न भी मनाने लग गय थे लेकिन ऑफ साइड होने के कारण यह गोल नहीं माना गया.
अर्जेंटीना के कोच अलेजांड्रो साबेला ने भी माना कि उनकी टीम ने अच्छे मौके गंवाये जिससे वह जर्मनी से 1990 के फाइनल में मिली 0-1 की हार का बदला नहीं चुकता नहीं कर पाये.
साबेला ने कहा कि उन्होंने गेंद अधिकतर समय अपने कब्जे में रखी लेकिन हमारे पास अधिक मौके थे. जब आपको इस तरह के बराबरी के मुकाबले में मौके मिलते हैं तो आपको उन्हें भुनाना होता है.
पहले हॉफ में हमला और जवाबी हमला का रोचक खेल देखने को मिला. मेस्सी के पास दूसरे हॉफ के शुरू में ही अपनी टीम को बढ़त दिलाने का अवसर आया. उनके सामने केवल गोलकीपर था लेकिन आखिरी क्षणों में वह गलती कर गये. बायें पांव से लगाया गया उनका शाट निशाने से चूक गया.
मैच के दौरान जर्मनी को चोटों से भी जूझना पड़ा. मैच से पहले वार्म अप के दौरान मिडफील्डर खामी खेडिरा चोटिल होकर बाहर हो गये. उनकी जगह चुने गये क्रिस्टोफर क्रैमर को भी घायल होने के कारण 31वें मिनट में मैदान छोड़ना पड़ा. शुर्ले उनके स्थान पर मैदान पर उतरे.
जर्मनी निर्धारित समय के आखिरी क्षणों में अधिक आक्रामक दिखा. इस बीच बैंडिक्ट होवेडी और और कूस मौकों का फायदा नहीं उठा पाये. जर्मनी के लिये कई यादगार गोल करने वाले क्लोस अपेक्षित तेजी नहीं दिखा पाये और 87वें मिनट में उनकी जगह गोएट्जे को मैदान में बुलाया गया. क्लोस बाहर जा रहे थे तब दर्शकों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया.
जर्मनी अतिरिक्त समय के शुरू से ही गोल की तलाश में दिखा. शुर्ले ने अल्जीरिया के खिलाफ अतिरिक्त समय के शुरू में गोल दागा था. उनके पास फिर से इसका मौका था लेकिन वह रोमेरो को छकाने में नाकाम रहे. अर्जेंटीना को अतिरिक्त समय में अच्छा मौका 97वें मिनट में मिला जब मिमाकरेस रोजो ने पलासियो को पास दिया जो नेयुर के ऊपर से गेंद गोल में डालने में सफल नहीं हो पाये.
इसके बाद 113वें मिनट में गोएट्जे का गोल निर्णायक बन गया. जर्मनी विश्व चैंपियन बन गया और उसके गोलकीपर मैनुएल नेयुर को गोल्डन ग्लोव का पुरस्कार मिला.
नेयुर ने कहा कि जर्मनी विश्व चैंपियन है. यह अविश्वसनीय और शानदार अहसास है.