नई दिल्ली,एजेंसी-14 जुलाई। पूर्व नौकरशाह नृपेन्द्र मिश्र को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किए जाने की राह में रोड़ा बने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) कानून में संशोधन संबंधी विधेयक लोकसभा में आज कुछ विपक्षी दलों के बहिर्गमन के बीच पारित हो गया।
कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों ने विधेयक पर चर्चा के दौरान इस संबंध में अध्यादेश जारी किए जाने को संसद की गरिमा के खिलाफ करार देते हुए विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। इसी बहिर्गमन के बीच सदन ने कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और तृणमूल कांग्रेस के प्रो सौगत राय का अध्यादेश को निरस्त करने संबंधी सांविधिक संकल्प नामंजूर कर विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य 1997 के संबंधित कानून में उस गड़बड़ी को दूर करना है जिसके तहत ट्राई का सेवानिवृत्त अध्यक्ष अथवा कोई सदस्य सरकार में अपनी सेवा नहीं दे सकता जबकि निजी कंपनियों में वह अपनी सेवाएं प्रदान कर सकता है।
उन्होंने कहा कि देश में अनेक ऐसे प्राधिकरण हैं जिनके अध्यक्ष अथवा सदस्य को सेवानिवृत्ति के एक या दो साल के बाद सरकार या निजी क्षेत्र को अपनी सेवा देने की आजादी है। प्रसाद ने अध्यादेश लाकर संसदीय प्रक्रिया को खत्म करने के विपक्षी दलों के आरोपों को अनुचित बताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार सभी संस्थाओं, संसद और प्रक्रिया का सम्मान करती है।