नई दिल्ली,एजेंसी-6 अगस्त। सरकार द्वारा सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में अंग्रेजी के अंक मैरिट या ग्रेड में नहीं जोड़े जाने की घोषणा के एक दिन बाद आज संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सैकड़ों परीक्षार्थियों ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखते हुए सीसैट को हटाने की मांग की।
पिछले 26 दिन से उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर में सीसैट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों ने अपने आधार को वहां से हटाकर जंतर मंतर कर लिया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे तब तक विरोध करेंगे जब तक सरकार द्वारा पूरी तरह से सीसैट को नहीं हटा लिया जाता। आम आदमी पार्टी के नेता योगेंद्र यादव भी प्रदर्शन स्थल पर मौजूद थे।
एक प्रदर्शनकारी पवन ने कहा, हम सरकार द्वारा यूपीएससी परीक्षाओं के लिए की गई घोषणाओं से संतुष्ट नहीं हैं। सरकार ने प्रस्तावित परिवर्तनों के माध्यम से अपने वादों को पूरा नहीं किया है। हम चाहते हैं कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस टेस्ट को पूरी तरह से हटाए।
सड़क पर किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों के दबाव में सरकार ने कल घोषणा की थी कि सीसैट के दूसरे प्रश्नपत्र में अंग्रेजी के अंक सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा की मेरिट या ग्रेड में नहीं जोड़े जाएंगे। कार्मिक प्रशिक्षण विभाग ने कहा था कि वह सरकार द्वारा घोषित परिवर्तन को दर्शाने के लिये अधिसूचना जारी करेगा, जिसे यूपीएससी द्वारा लागू किया जाएगा।
सरकार द्वारा घोषित किए गए परिवर्तनों के साथ यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा 24 अगस्त को आयोजित की जाएगी। इस प्रारंभिक परीक्षा में 200 अंक (प्रत्येक) के दो अनिवार्य प्रश्नपत्र होते हैं जिन्हें सीसैट-1 और सीसैट-2 के नाम से भी जाना जाता है। इस सीसैट पैटर्न को 2011 से लागू किया गया था।
इस परीक्षा के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय विदेश सेवा तथा अन्य सिविल सेवाओं के लिए चयन किया जाता है। यह तीन चरणों में आयोजित की जाती है जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार होता है।