नई दिल्ली,एजेंसी-25 अगस्त | सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को 1993 और उसके बाद किए गए कोयला ब्लॉक के सभी आवंटनों को गैर कानूनी करार दिया। अदालत ने कहा कि इनके आवंटन में पारदर्शिता नहीं बरती गई और बिना किसी प्रक्रिया के इसे मनमाने ढंग से आवंटित किया गया। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.एम.लोढा, न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ की पीठ ने हालांकि गंभीर परिणामों के मद्देनजर इन आवंटनों को तुरंत रद्द करने को लेकर कोई फैसला नहीं सुनाया।
कोयला ब्लॉक के दोबारा आवंटन की प्रक्रिया के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाए, इसके लिए अदालत ने सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक समिति बनाने का सुझाव दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह एक सुझाव है, अगर इससे बेहतर कोई उपाय है, तो उसपर अमल किया जा सकता है। अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी, जिसमें कोयला ब्लॉक के आवंटन में भूमिका निभाने वाली समिति के गठन पर विचार होगा।