
उन्होंने कहा कि आईपीएच विभाग के कर्मचारियों को पहले भी कहा जा चुका है कि थाने में सप्लाई की जा रही जल भंडारण टंकियों में साफ-सफाई के लिए ब्लीचिंग पाउडर डाला जाए लेकिन विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है।
दूसरी ओर आईपीएच विभाग इस बात से अनभिज्ञता जता रहा है। थाना कर्मियों के अचानक चपेट में आने से ड्यूटी में व्यवधान पड़ रहा है। इसके चलते चपेट में आए पुलिस जवान स्वास्थ्य ठीक न होने से ड्यूटी देने में असमर्थता जता रहे हैं।
जवानों ने मांग की है कि थाने में रखी टंकियों कि शीघ्र विभाग क्लोरीनेशन करे ताकि बीमारी से बचाव हो सके। आईपीएच विभाग के एसडीओ राकेश वैद्य ने बताया कि इसका पता चलते ही उन्होंने कर्मचारियों को पेयजल भंडारण टैंकों के क्लोरीनेशन के आदेश दे दिए हैं।
उन्होंने कहा कि विभाग समय-समय पर भंडारण टैंकों की साफ-सफाई करता है लेकिन निजी और कार्यालयों के अंदर रखे भंडारण टैंकों की साफ-सफाई करना उसी विभाग की जिम्मेवारी है।
नादौन अस्पताल के डॉ. बीएस राणा ने बताया कि उल्टी-दस्त और पेट की बीमारियां ज्यादातर गंदा पानी पीने से फैलती हैं। उन्होंने बताया कि यदि ऐसी समस्या है तो पानी की जांच करवानी चाहिए और पानी को उबाल कर ही पीएं।