‘‘किसी को भी मीडिया की आजादी से खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा। सरकार प्रेस की आजादी की रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि प्रेस की आजादी लोकतंत्र की आत्मा है, लेकिन स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी की भावना भी आती है।‘‘
– केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
हैदराबाद ,(एजेंसी) 12 सितम्बर । गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को वारंगल में एक कार्यक्रम में टीवी चैनलों को धमकी दी थी कि अगर वह तेलंगाना का ‘अपमान‘ करते रहेंगे, तो उन्हें जमीन में 10 फीट नीचे दफन कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि हम उनकी गर्दन तोड़कर उन्हें बाहर फेंकने में भी संकोच नहीं करेंगे। चंद्रशेखर राव 2 तेलुगु चैनलों टीवी 9 और एबीएन आंध्रज्योति से कथित तौर पर नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने तेलंगाना में इन चैनलों को ब्लैकआउट कर दिया है। सीएम का आरोप है कि इन चैनलों ने अपने कुछ कार्यक्रमों में तेलंगाना का कथित तौर पर मजाक उड़ाया था।
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने मुख्यमंत्री की मीडिया को दी गई धमकी पर हैरानी जताई है। एनबीए की महासचिव एनी जोसफ ने बताया कि तेलंगाना के सीएम की इस तरह की टिप्पणी अभिव्यक्ति की आजादी पर सीधा हमला है। संविधान के आर्टिकल 19 (1) (ए) के तहत हर भारतीय नागरिक को अभिव्यक्ति का अधिकार है। जोसफ ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वह मीडिया के खिलाफ उत्तेजनात्मक भाषा में आरोप लगाने से परहेज करे और सभ्य और शालीन बर्ताव करे। उनका मानना है कि लाइसेंस शुदा चैनल को ब्लैकआउट करना तानाशाही और संविधान का गला घोंटने जैसा है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन जस्टिस (रि.) मार्कंडेय काटजू ने भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री की भाषा को बेहद आपत्तिजनक और लोकतंत्र में पूर्ण रूप से अस्वीकार्य बताया है।