मुम्बई,(एजेंसी) 24 सितम्बर । शेयर बाजार में मंगलवार को चैतरफा बिकवाली दिखी। यूरोप के शेयर बाजारों में गिरावट के चलते भारतीय मार्केट पर प्रेशर बना। 17 देशों वाले यूरो जोन में सितंबर में बिजनेस एक्टिविटी इस साल सबसे सुस्त रही है। वहीं अगस्त में ब्रिटेन में बजट घाटा बढ़ा है।
गुरुवार को भारत में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) की एक्सपायरी भी है। उससे पहले लोकल ट्रेडर्स सावधानी के मूड में आ गए हैं। कोल ब्लॉक एलोकेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी इस हफ्ते ही आ सकता है।
बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स 431.05 प्वाइंट्स यानी 1.58 पर्सेंट गिरकर 26,775.69 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 128.75 प्वाइंट्स यानी 1.58 पर्सेंट की गिरावट के साथ 8,017.55 पर रहा। पिछले ढाई महीने में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।
इस पर जियोजीत बीएनपी पारिबा फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट गौरांग शाह ने कहा, ‘यूरोप की बुरी खबर के चलते मार्केट गिरा। हालांकि एफएंडओ एक्सपायरी भी इसी हफ्ते है। इससे पहले प्रॉफिट बुकिंग की उम्मीद की जा रही थी। मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में अधिक सेलिंग हो सकती है।‘
बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड के को-चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर महेश पाटिल ने बताया, मार्केट्स अभी जिस लेवल पर है, उसमें थोड़ी-बहुत गिरावट की आशंका दिखती है। इमर्जिंग मार्केट्स में भारत का वेटेज रिकॉर्ड हाई लेवल पर है। इसलिए ग्लोबल मार्केट्स में किसी भी हलचल का हमारे बाजार पर भी असर पड़ेगा।
बाजार को कोल ब्लॉक एलोकेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी इंतजार है। अदालत ने 25 अगस्त को कहा था कि 1993 के बाद दिए गए सभी कोल ब्लॉक इलीगल हैं। हालांकि आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट देवांग मेहता ने कहा कि शेयर बाजार को लेकर बेयरिश होने की जरूरत नहीं है।
पिछले कुछ हफ्तों के दौरान जब भी मार्केट पर प्रेशर दिखा, उसके बाद इसमें स्मार्ट रिकवरी आई। ब्रोकरेज हाउस आनंद राठी गिरावट आने पर क्लाइंट्स को क्वॉलिटी शेयर खरीदने की सलाह दे रहा है। पिछले हफ्ते में फॉरेन इंस्टीट्यूशन इनवेस्टर्स की ओर से भी खरीदारी कमजोर पड़ी है। मंगलवार को एफआईआई ने 1,185 करोड़ के शेयर बेचे। कहा जा रहा है कि अगर अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ती हैं तो विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकाल सकते हैं।