नई दिल्ली, (एजेंसी) 26 सितम्बर । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अध्यक्ष के. राधाकृष्णन ने गुरुवार को मंगलयान से ली गई मंगल ग्रह की पहली तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की। मंगलयान ने तस्वीर भेजने के साथ ही कहा था कि यहां से मंगल का शानदार नजारा दिख रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं भी इस बात से सहमत हूं कि वहां का नजारा वास्तव में शानदार है।‘
इसरो के वैज्ञानिक सचिव वी. कोटेश्वर राव ने कहा कि मंगल की कक्षा में स्थापित होने के तुरंत बाद ही मंगलयान के मार्श कलर कैमरा (एमसीसी) ने काम करना शुरू कर दिया। राव ने कहा कि अंतरिक्ष यान के तमाम उपकरण सही-सही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही प्रयास में मंगलयान को मंगल की कक्षा में स्थापित करने में हमने सफलता पाई है। मंगलयान मंगल की कक्षा में इसके चक्कर लगा रहा है।
मंगलयान फेलोशिप की घोषणा
लाल ग्रह की कक्षा में एमओएम के सफलापूर्वक प्रवेश करने के कुछ ही समय बाद मुख्यमंत्री और केएससीएसटीई के अध्यक्ष ओमान चांडी ने अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में कई पोस्ट-डॉक्टरल श्मंगलायन फेलोशिपश् की घोषणा की है। ये फेलोशिप विकास के क्षेत्र में अंतरिक्ष तकनीक के नए अनुप्रयोगों को प्रोत्साहित करने के लिए दी जानी है। चयनित आवेदकों को दो साल तक के लिए 30 हजार रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
धार्मिक होते हैं भारतीय वैज्ञानिक
भारतीय वैज्ञानिक अपने ब्रिटिश समकक्षों की तुलना में अधिक धार्मिक होते हैं, लेकिन धार्मिक अनुष्ठानों और कार्यक्रमों में आम लोगों की तुलना में कम भाग लेते हैं। धर्म और आध्यात्म पर कई देशों के वैज्ञानिकों पर किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। 65 फीसदी ब्रिटिश वैज्ञानिक धर्म में विश्वास नहीं रखते, वहीं मात्र 6 फीसदी भारतीय वैज्ञानिक धर्म को नहीं मानते।
भारत की सफलता पर चीन को नहीं ईष्या
चीन के सरकारी न्यूजपेपर ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में कहा है कि चीन मंगलयान के मंगल की कक्षा में प्रवेश करने को लेकर ईर्ष्या महसूस नहीं करेगा। न्यूजपेपर के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, यह भारत का गौरव और एशिया का भी गौरव है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि भारतीय मिशन पर कुल 4.5 अरब रुपये की लागत आई है जो किसी हॉलीवुड फिल्म के निर्माण की लागत से कम है।
नासा की मावेन टीम ने दी बधाई
नासा के मावेन प्रोग्राम डायरेक्टर ब्रूश जैकोकी ने भारत को मार्स ऑर्बिट मिशन ( मोम ) की सफलता पर बधाई दी। एई समय को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि 2030 में मानव को लाल ग्रह पर भेजने के लिए बेहतर जमीन तैयार हो गई है। अब तक के एयरक्राफ्ट से मंगल के ऊपरी – वायुमंडल के बारे में अध्ययन किया था। लेकिन मुझे भरोसा है कि मोम यह अगले खोज के लिए एक मिशन साबित होगा। यह हमें मंगल के आज की मौलिक स्थिति और बाद के बारे में भी जानकारी देगा। मैं मावेन टीम की ओर से उन्हें बधाई देती हूं।
एशियाई स्पेस रेस में भारत आगे
स्पेस में जाने वाली पहली पाकिस्तानी महिला ने पहले ही प्रयास में मंगलायन की सफलता पर भारत को बधाई दी है। नमीरा सलीम दोनों धु्रवों पर पहुंचने वाली पहली पाकिस्तानी वैज्ञानिक हैं। उन्होंने कहा कि लाल ग्रह पर मंगलायन पर भारत को भेजकर एशियाई स्पेस रेस में भारत आगे निकल गया है।