‘‘मेरी सारी मेहनत बेकार चली गई। यह मेरे साथ हुआ लेकिन इस तरह का अन्याय किसी के साथ नहीं होना चाहिए। यदि वे उसे ही जितवाना चाह रहे थे तो उन्होंने मुकाबला ही क्यों करवाया।‘‘
-सरिता देवी , बॉक्सर
इंचियोन ,(एजेंसी ) 01 अक्टूबर । एम सी मेरी कॉम (51 किग्रा) ने अपना विजय अभियान जारी रखते हुए मंगलवार को यहां एशियाई खेलों के फाइनल में जगह बनाई जबकि एल सरिता देवी से उस समय महिला 60 किग्रा फाइनल में सुनिश्चित स्थान छीन लिया गया जब अधिकतर समय दबदबा बनाए रखने के बावजूद फैसला उनकी साउथ कोरियाई प्रतिद्वंद्वी जिना पार्क के पक्ष में कर दिया गया। सरिता और पूजा रानी (75 किग्रा) सेमीफाइनल बाउट में हार गईं, जिससे उन्हें ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा।
मेरी के खिताबी राउंड में पहुंचने से जहां भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई वहीं सरिता की विवादास्पद बाउट से मुंह का स्वाद कड़वा भी हो गया। भारतीय दल द्वारा 500 डॉलर देकर इस फैसले के खिलाफ दायर किया गया विरोध भी खारिज कर दिया गया।
जजों ने रुलाया !
दिन का सबसे बड़ा विवाद सरिता की हार से पैदा हुआ जिससे यह मणिपुरी खिलाड़ी रोने लगी। जिना के खिलाफ बेहतर स्थिति में होने के बावजूद जजों ने कॉमनवेल्थ गेम्स की सिल्वर मेडल विजेता इस बॉक्सर को 0-3 से पराजित घोषित कर दिया। सरिता ने अपने दनादन घूंसों से अपनी प्रतिद्वंद्वी को पस्त कर दिया, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि अल्जीरियाई रेफरी हम्मादी याकूब खेरा ने भारतीय बॉक्सर को एक भी ‘स्टैंडिंग काउंट‘ नहीं दिया।
आखिर में रिंग के बाहर के तीनों जजों ने कोरियाई के पक्ष में 39-37 से फैसला सुनाया। इनमें ट्यूनीशिया के ब्रहम मोहम्मद, इटली के अलबिनो फोटि और पोलैंड के मारिस्ज जोसेफ गोर्नी शामिल थे। मुकाबले के तुरंत बाद सरिता रो पड़ीं। उनके पति और पूर्व फुटबॉलर थोइबा सिंह तो अधिक नाराज थे और वह अधिकारियों पर चिल्लाने लगे। उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे धोखाधड़ी का मामला है।
मेरी का जोरदार पंच
इससे पहले भारत की पदक की प्रबल दावेदार और पांच बार की विश्व चैंपियन मेरी कॉम ने अपने अधिक लंबी वियतनामी प्रतिद्वंद्वी लेर थी बैंग को 3-0 से हराया। रिंगसाइड के दो जजों ने उन्हें चार राउंड के बाद 40-36 से विजेता घोषित किया जबकि तीसरे ने 39-37 से उनके पक्ष में फैसला सुनाया। पूजा ने चीन की ली क्यूयान के खिलाफ काफी अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन आखिर में वह 2-1 से हार गई और उन्हें ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा।
‘‘तुम लोगों ने बॉक्सिंग को मार दिया। ‘‘
– थोइबा सिंह , सरिता के पति
‘‘मैं सकते में हूं और निराश हूं। साफ दिख रहा था कि सरिता विजेता है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। ‘‘
– मेरी कॉम
‘‘यह सब पूर्व निर्धारित था। 3-0 के फैसले से साफ जाहिर हो जाता है। रिंग में जो कुछ हुआ उसे देखकर मुकाबला बीच में रोक देना चाहिए था। ‘‘
– भारत के क्यूबाई कोच बी आई फर्नांडिस