‘‘पहले दो-तीन साल में यह योजना शक्ल लेने लगेगी और उम्मीद है कि पांच साल में हम इसे विकसित कर लेंगे।‘‘
– उमा भारती, जल संसाधन मंत्री
लखनऊ ,(एजेंसी ) 01 अक्टूबर । कुछ दिन पहले जब चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग भारत आए थे तो साबरमती नदी के तटों की खूबसूरती दुनिया ने देखी। अगले पांच साल में गोमती के तट भी साबरमती के तटों के जैसे सुंदर होंगे। गोमती सफाई अभियान के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को लखनऊ में यह ऐलान किया। उनका कहना है कि लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट का विकास किया जाएगा।
उमा का यह भी कहना है कि शुरुआती स्टडी से साफ है कि गोमती रिवर फ्रंट को विकसित करना ज्यादा आसान है। साबरमती के तट तो टेढ़े-मेढ़े थे। गोमती बहुत सीधी बहती है। साबरमती में तो पानी भी नहीं था। नालों का पानी ट्रीट करके ही उसमें पानी की कमी पूरी की गई। गोमती में इतना ज्यादा नहीं करना है। मैंने जर्मनी की राइन और इंग्लैंड की टेम्स देखी हैं। पहले मैं समझती थी कि हमें उनसे सीखना होगा। पिछले दिनों जब साबरमती को देखा तो लगा कि हमें इससे अच्छा उदाहरण कुछ नहीं मिल सकता।
राजनाथ ने कहा कि जब नदियां सूखने लगती हैं तो उस देश का भाग्य भी सूखने लगता है। जब तक टेम्स साफ नहीं थी तो इंग्लैंड भी विकसित देश नहीं हुआ था। हमारी भी नदियां जिस दिन साफ हो जाएंगी तो देश को विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता। लोक अधिकार मंच की ओर से आयोजित गोमती सफाई अभियान में पूर्व सांसद लालजी टंडन, मौलाना कल्बे सादिक, महंत देव्या गिरी, एलयू वीसी प्रो एसबी निमसे सहित कई धर्मगुरु, शिक्षाविद, समाज सेवी और अधिकारी मौजूद थे।
यहां का सांसद बनते ही मैंने इस योजना पर काम शुरू करवा दिया था। एक स्टेटस रिपोर्ट भी मिल गई है। जल्द ही डीपीआर तैयार करवाई जाएगी।
– राजनाथ सिंह, गृह मंत्री