लखनऊ, (एजेंसी) 01 अक्टूबर । प्रदेश में बिजली की मांग और सप्लाई के बीच अंतर कम करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लगाई जाने वाली विद्युत परियोजनाएं लटक सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से चेंदीपाड़ा कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द हो गया है। इस कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द होने से हरदुआगंज एक्सटेंशन, पनकी एक्सटेंशन, ओबरा-सी, मेजा विस्तार और जवाहरपुर विद्युत परियोजना के लिए कोयला मिलना मुश्किल हो जाएगा।
प्रदेश सरकार ने भविष्य में बिजली की मांग को देखते हुए 5280 मेगावाट की नई परियोजना लगाने की योजना बनाई थी। इन परियोजनाओं को चेंदीपाड़ा कोल फील्ड से ही कोयला मिलना था। राज्य विद्युत उत्पादन निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए कोल ब्लॉक आवंटन जल्द हो। इसके लिए जल्द ही केन्द्र सरकार को एक पत्र लिखा जाएगा।
राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अधिकारियों का कहना है कि पावर प्लांट का निर्माण होने तक कोल ब्लॉक का आवंटन नहीं किया गया, तो प्रदेश में बिजली की किल्लत और बढ़ सकती है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में प्रदेश में मांग और सप्लाई के मुकाबले करीब 2000 से 2500 मेगावाट का अंतर है।
इन परियोजनाओं पर पड़ सकता है असर
हरदुआगंज 660 मेगावाट
पनकी 660 मेगावाट
ओबरा-सी 1320 मेगावाट
मेजा विस्तार 1320 मेगावाट
जवाहपुर परियोजना 1320 मेगावाट
‘‘चांदीपाडा कोल ब्लॉक रद्द होने से नई परियोजनाओं को कोयला मिलने में दिक्कत आएगी। उम्मीद है कि राज्य के पावर प्लांटों के लिए नए कोल ब्लॉक आवंटित होंगे।‘‘
-अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री