इलाहाबाद ,(एजेंसी) 06 अक्टूबर । भारतीय सेना ने कारगिल चोटी पर फतह हासिल करके देश को जो खुशी दी थी, भारतीय हॉकी टीम ने भी पाकिस्तान को एशियाड में हराकर गोल्ड मेडल जीतकर वैसी ही खुशी दी है। हॉकी के लिए यह ऐतिहासिक दिन था, जब पाक को हराने के साथ ओलंपिक के लिए भी टिकट मिल गया। राष्ट्रीय खेल के लिए यह अच्छे दिन का आगाज है। ओलंपिक में भी हम बेहतर करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह कहना गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सेंटर फारवर्ड प्लेयर दानिश मुस्तजा का।
रविवार की शाम को जब संगमनगरी वह पहुंचे तो उनके चाहने वालों ने उनको सिर-माथे पर बैठा लिया। बमरौली एयरपोर्ट से कटघर स्थित घर तक उनके चाहने वालों की कतार के साथ स्वागत करने की होड़ दिखी। गोल्ड मेडल का गौरव लेकर शहर में लौटे दानिश एयरपोर्ट से घर जाने से पहले मजीदिया इस्लामिया कालेज गये।
इसी कालेज में हॉकी की स्टिक पहली बार पकड़कर दानिश मैदान में उतरे थे। एशियाड में जाने से प्रयाग की माटी में पले बढ़े भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दानिश ने एनबीटी से उम्मीद जतायी थी कि इस बार हॉकी टीम गोल्ड मेडल का चैका मारने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। वह उम्मीद पर खरे उतरे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा तीस लाख रूपये के पुरस्कार की घोषणा के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री से इलाहाबाद के लिए एस्ट्रोटर्फ का मैदान मांगूगा। संगमनगरी में होनहार खिलाडि़यों की कमी नहीं है, जरूरत सही मार्गदर्शन और संसाधन की है। हमें उम्मीद है युवा मुख्यमंत्री मेरे बातों को महत्व देंगे।