‘‘दिवंगत बाल ठाकरे की गैर-मौजूदगी में यह पहला चुनाव है और मैं उनकी बहुत इज्जत करता रहा हूं। मैंने शिवसेना के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोलने का फैसला किया है।‘‘
– नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री
मुंबई, (एजेंसी) 06 अक्टूबर । 25 साल पुराना गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना की ओर से बीजेपी पर भले ही गंभीर आरोप लगाए जा रहे हों, लेकिन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि वह शिवसेना के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। महाराष्ट्र में तसगांव (सांगली) में जनसभा में मोदी ने इसे बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि बताते हुए कहा कि हर चीज को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
मोदी के इस भाषण के कुछ घंटे पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने कहा था कि महाराष्ट्र में शिवसेना का हाथ पकड़कर भाजपा आगे बढ़ी। जैसे ही पार्टी सत्ता में आई तो उसने शिवसेना के साथ संबंध तोड़ लिए। ऐसा करके भाजपा ने दिवंगत बालासाहब ठाकरे के साथ विश्वासघात किया।
हालांकि मराठी में भाषण शुरू करते हुए मोदी ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस पर जमकर हमले किए। मोदी ने कहा, ‘मुझे हैरानी होती है कि पवार कृषि मंत्री थे लेकिन उनके महाराष्ट्र में हर साल करीब 3700 किसान आत्महत्या कर लेते हैं। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री रहते हुए राज्य की जनता के लिए कुछ भी नहीं किया और उनमें मराठा शासक छत्रपति शिवाजी का एक भी गुण नहीं है।‘
मोदी ने यह भी कहा कि कांग्रेस के लोग सोचते हैं कि मोदी ने गांधीजी को छीन लिया। वास्तविकता यह है कि कांग्रेस ने उन्हें छोड़ दिया है। कांग्रेस ने करगिल में शहीद सैनिकों की विधवाओं से उनके घर लूट लिए और युवाओं से रोजगार छीन लिए।
संबंध बने रहें: शिवसेना के खिलाफ न बोलकर मोदी संकेत दे रहे हैं कि 25 साल पुराने संबंधों को वह पूरी तरह तोड़ना नहीं चाहते।
फिर गठबंधन: बीजेपी दूर की सोचकर ऐसा कर रही है ताकि चुनाव बाद जरूरत पड़ने पर शिवसेना के साथ फिर से गठबंधन किया जा सके।
केंद्र में साथ: हमलावर होना शिवसेना की राजनीतिक मजबूरी है, लेकिन केंद्र से अपना मंत्री न हटाकर उसने भी ऑप्शन खुले रखे हैं।