लखनऊ,(एजेंसी) 04 नवम्बर । राज्यसभा का टिकट कटने से क्षुब्ध अखिलेश दास ने सोमवार को बहुजन समाज पार्टी छोड़ दी। बसपा सुप्रीमो मायावती को भेजे गए त्याग पत्र में अखिलेश दास ने प्राथमिक सदस्यता के साथ पार्टी के सभी पदों से त्याग पत्र देने की बात कही। अखिलेश दास तीसरी बार राज्यसभा के सदस्य बने थेए और उनका कार्यकाल 25 नवंबर को पूरा हो रहा है।
राज्यसभा के लिए बहुजन समाज पार्टी के टिकट की उम्मीद रखने वाले अखिलेश दास को आखिरकार निराशा हाथ लगी। राज्यसभा सीट के चलते ही पिछले हफ्ते अखिलेश दास ने बीबीडी यूनिवर्सिटी के कुलपति पद से त्याग पत्र दिया था। अंतिम समय में बसपा से टिकट कटने से नाराज अखिलेश दास ने सोमवार को पार्टी छोड़ दी।
अपनी पार्टी बना के राजनीति करेंगे अखिलेश दास
बीएसपी छोड़ने के बाद राज्य सभा सदस्य अखिलेश दास गुप्ता सभी कयासों को दर किनार करते हुए किसी राजनैतिक दल में न जाकर अपनी पार्टी बनाने जा रहे हैं। पार्टी बनाने को लेकर अखिलेश दास अगले सप्ताह अपने समर्थकों के साथ बैठक करेंगे। बैठक के बाद एक सम्मेलन के माध्यम से अपनी राजनैतिक पार्टी की घोषणा करेंगे।
उन्होंने इसका खुलासा तो नहीं किया कि बीएसपी क्यों छोड़नी पड़ी घ् पर कयास यही लगाए जा रहे हैं कि नवंबर में उनका राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है और बीएसपी उन्हें टिकट देने को तैयार नहीं थी। बीएसपी में टिकट के लिए उन्होंने अंतिम समय तक इंतजार भी किया लेकिन पार्टी ने जो दो टिकट घोषित किए उसमें अखिलेश दास का नाम नहीं था। बीएसपी से राज्यसभा टिकट की सभी संभावनाएं खत्म होने के बाद उन्होंने सोमवार को इस्तीफा दे दिया। अखिलेश दास ने बताया कि अपनी पार्टी बनाने के बाद अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी की जाएगी। चुनाव के समय छोटे दलों का एक संगठन बना के चुनाव लड़ने की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी।
सूत्र बताते हैं कि इस बार बीएसपी से उन्हें टिकट की संभावना पहले से ही कम दिखाई दे रही थीए जिसके कारण लोकसभा चुनाव के समय उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामने के प्रयास शुरू कर दिए थे। वह पहले भी कांग्रेस में रह चुके हैं और वहां अब भी उनके नजदीकी हैं। यह भी चर्चा है कि बीएसपी में रहते हुए उन्होंने गुपचुप तरीके से करीब 20 इनोवा गाडि़यां लोकसभा चुनावों के दौरान अमेठी में राहुल गांधी के प्रचार में भेजी थीं। गाडि़यों के साथ दास के कुछ विश्वस्त भी प्रचार करने लखनऊ से अमेठी गए थे पर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की पराजय के बाद अखिलेश दास ने खुद को वहां से सीमित कर लिया। यह बात बीएसपी सुप्रीमो तक पहुंच गई थी।
निर्दलीय प्रत्याशी के दावेदार तो नहीं
चर्चा यह भी है कि अखिलेश दास सपा के समर्थन से सातवें प्रत्याशी के रूप में निर्दलीय दावेदार हो सकते हैं। वह कांग्रेस व बीएसपी के कुछ विधायकों का समर्थन हासिल कर राज्य सभा की दावेदारी कर सकते हैं।