मुंबई ,(एजेंसी) 11 नवम्बर । शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच लंबे अर्से से जारी तनातनी के बाद अब सुलह के आसार नजर आने लगी है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि ष्सत्ता साझेदारी को लेकर बीजेपी के साथ बातचीत चल रही है।
सोमवार शाम राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से ने कहा थाए श्यह शिवसेना का फैसला है। हम इससे चिंतित नहीं हैं, क्योंकि कई विधायकों ने हमें समर्थन देने का भरोसा दिया है। हमें बहुमत साबित करने के लिए पर्याप्त विधायकों का समर्थन है।
शिवसेना के विपक्ष में बैठने के फैसले से भाजपा प्रभावित नजर नहीं आ रही है, क्योंकि इसके अल्पमत सरकार को तत्काल कोई खतरा नजर नहीं आ रहा। वहीं शिवसेना अपने 63 विधायकों को अपनी पार्टी में बनाए रखने की चुनौती का सामना भी कर रही हैए जिनमें से कुछ को भाजपा कथित रूप से अपनी पार्टी में मिलाने की कोशिश कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार का शिव सेना द्वारा बहिष्कार और सेना उम्मीदवार अनिल वाईण्देसाई को वापस बुलाने को एक बड़ा मुद्दा माना जा रहा है, जिसके कारण 25 साल पुराने गठबंधन सहयोगियों के बीच सुलह की संभावना न के बराबर है। लेकिन राकांपा और निर्दलीय विधायकों और छोटे पार्टियों के भरोसे रहना भाजपा के लिए चिंता का विषय भी है। इस बीचए फडणवीस बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव और बहुमत साबित करने की प्रक्रिया के लिए तैयार हैं।
विधानसभा में बुधवार को भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए 144 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी, जिसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस छह महीने तक आसानी से सरकार चला सकेंगे।