नई दिल्ली,(एजेंसी) 14 नवम्बर । पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयंती को कांग्रेस यूं ही जाने नहीं देना चाहती। वह इस बहाने अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन फिर से मजबूत करने की भरपूर कोशिश में है। 17-18 नंवबर को होने वाले अंतर्राष्ट्रीय समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं बुलाने का फैसला वह कर ही चुकी है, अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी पर जमकर हमला भी बोला है।
नेहरू जयंती के मौके पर दिल्ली कांग्रेस ने गुरुवार को तालकटोरा स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजित किया था। यहां सोनिया और राहुल ने मोदी और बीजेपी का नाम लिए बगैर उन पर नेहरू की विचारधारा को नष्ट करने का आरोप लगाया। दरअसलए जिस तरह एनडीए सरकार ने पटेलए गांधी, शास्त्री जैसी शख्सियतों को हाइजैक करके नेहरू व गांधी परिवार की विरासत को हाशिए पर धकेलने की कोशिश कीए यह उस पर जवाबी हमला था।
मंगलयान की कामयाबी का श्रेय केंद्र को दिए जाने पर भी सोनिया ने तंज कसा और कहा कि यह नेहरू की दूरदर्शी सोच ही थी कि उन्होंने विज्ञान व तकनीकी विकास पर जोर दियाए वर्ना मंगलयान और चंद्रयान जैसी सफलताओं की नींव कैसे पड़ती! राहुल ने पीएम के सफाई अभियान को सिर्फ तस्वीर खिंचवाने का मौका कहाए जिस पर बीजेपी ने जवाब दिया कि राहुल की पूरी जिंदगी फोटो खिंचवाने का मौका रही हैए इसलिए उन्हें यही दिखाई दे रहा है।
मोदी के विरोधियों को संकेत
सोनिया और राहुल इशारों में मोदी पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाकर गैरएनडीए दलों को साथ आने का संकेत देते भी नजर आए। सोनिया ने कहा कि नेहरू के उदार भारत को तहस-नहस करने वाली ताकतों से सिर्फ कांग्रेस ही मुकाबला कर सकती है। देश में जगह-जगह आंदोलन खड़े करके बड़ा आंदोलन बनाना होगा। राहुल ने भी कहा कि लोगों में जहर फैलाया जा रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने नेहरू जयंती समारोह में तमाम गैर एनडीए नेताओं को बुलाया है।
“आजकल गुस्से वाले लोग देश चला रहे हैं। वे अंग्रेजी को बंद करके सिर्फ हिंदी की बात कर रहे हैं। अंग्रेज गए थे, तो नेहरू के सामने भी यह सवाल था, लेकिन उन्होंने अंग्रेजी को जारी रखा। अंग्रेजी से ही आईआईटी और आईटी में भारतीयों को जगह मिल रही है। नेहरू अंग्रेजी बंद कर देते तो देश का इतना विकास नहीं होता।”
– राहुल गांधी
“नेहरू की विचारधारा खत्म करने की भरपूर कोशिश की जा रही है। ऐसा करने वाली ताकतें सिर्फ उनके व्यक्तित्व को ही नहींए बल्कि उनकी विचारधाराए दृष्टिकोणए जीवनभर के योगदान और संघर्षों को भी निशाना बना रही हैं”
– सोनिया गांधी